The story is based on a real incident regarding help | कहानी हैं हेल्प को लेकर हकीकत घटना पर आधारित

हर किसी के लिए हेल्प का मतलब अलग अलग होता है हमने इसको तीन तरह के लोगो के साथ बताया हुआ है:

 1. हेल्प को लेकर ये कहता है हमने आप की हेल्प की तो आप हमे अभी नही तो बाद में पैसा दे देना । 

 2. ये कहते है की हेल्प की है पैसा दे या नहीं दे आप की मर्ज़ी। और जो अब कुछ लोग बचे है । 

 3. वो कहते है की मैंने आप की हेल्प की है इसमें पैसे देने की क्या बात , ये तो हमने अपनी मर्ज़ी से किया है कोई पैसे कमाने के ले नहीं। ये लोग जो होते है वो हेल्प का मतलब करने के बदले को पैसा नही कहते हैं और न ही हेल्प करने के बाद ये नहीं बताते है की हमने आप की हेल्प की है हमे आपसे पैसा चाहिए। ये केवल अपनी इंसानियत के ले हेल्प करते है जिससे इंसानियत जिन्दा रहे इनका हेल्प करने का यही मतलब होता है लोग की अहमियत करना। और उनके बुरे वक्त पर काम आना। 



आज जो एक हकीकत पर आधारित एक कहानी जो मैं आप को बताने जा रहा हूं वो उपरोक्त पहले लोगों पर आधारित है जो हेल्प को लेकर ये कहता है हमने आप की हेल्प की तो आप हमे अभी नही तो बाद में पैसा दे देना वो ये है:

जब मैं वहां गया तो उन लोगो ने मुझसे कहा की आप की मैं हेल्प करती हूं। मैंने कहा की ठीक है फिर उन्होंने कहा कि आप ये बात सर को मत बताइये नहीं तो वो आप से ₹1500 ले लेंगे। मैने कहा ठीक है मैं नहीं कहूंगा। फिर उन्होंने मुझे एक शॉप का एड्रेस दिया जहां मैं 10 अगस्त 2023 को गया वहा उन्होंने कहा की आप 11 अगस्त से आना। फिर मैं वहा 11 अगस्त से काम करने जाने लगा । जो वहा की टाइम थी 11:00 AM to 8:30 PM तक लेकिन मुझे बताया गया था की 8 बजे तक आप को वहा काम करना होगा । सबसे बड़ी मिसंडरस्टैंड यही पर हुवी टाइम को लेकर मैने कहा चलो ठीक है । फिर काम करने मै जाने लगा।

 6 सितम्बर को मुझे जॉब लगाने वाली का कॉल आता है की "आप की मैंने जॉब लगाई आप ने मुझे कुछ दिया नहीं" उन्होंने ये कहा ये उनके शब्द थे । मैने कहा क्या मतलब ।

उन्होंने कहा कि मैंने आपकी मदद की है, आप तो भूल गए। हेल्प की थी तो मुझे और इसको को ₹1000-1000 चाहिए।

 उन्होंने कहा आप ने तो थैंक तक नहीं कहा । हेल्प के बदले में हमे तो कुछ नही मिला, ऊपर वाला देख रहा है वो मुझे इसका बदला देगा ऐसा ही उन्होंने बहुत कुछ कहा फिर मैने कहा जब ऊपर वाला देख रहा है तो आप को मेरे थैंक की क्या जरूरत वो आप को इसका सिला देगा। और रही बात पैसा की आप ने ही कहा की वो मुझे इसका बदला देगा तो मिलेगी।

 उन्होने तो अपने सर के पीछे हेल्प का व्यापार चालू कर रखा है और इनसाइडर ट्रेड की तरह व्यापार कर रहीं है अपने सर के पीछे। और उनको ही बदनाम भी करती है की सर ने इनका पैसा खाया है तो उनका ये कहानी भी बताती है और कहती की मैं आप की हेल्प कर रही हूं।

 मुझे ये नही समझ आया की जब इनको पैसा चाहिए था तो वो हेल्प कर रही हूं सर से मत कहना नही तो ₹1500 ले लेगे मैं आप की हेल्प करती हू फिर अब पैसा भी मागा जा रहा हैं तो पहले बताना चाहिए था की ₹2000 लेने का हमारा प्लान है ताकि मुझे पता चल सकता लेकिन नही ऐसा कहने से वो हेल्प करने का जो काम करती वो कहा से कर पाती और लोगो को हेल्प के नाम पर लूट कहा पाती।

जब हेल्प के नाम पर आप को पैसा चाहिए था तो पहले से बता देती ताकि हम जैसे लोग भी आप के इस हेल्प का मतलब बहुत अच्छे से समझ जाते ।

 जब आप को पैसा नहीं मिला तो आप इस तरह से कहने लगी की जो तुम आज कमा रहे हो वो मेरी वजह से हमने ही तुम्हारी जॉब लगाई है हमारी वजह से इस तरह की बात कहने लगी और मुझे ये नही समझ में आया की अगर कल को वो इन्सान को कुछ हो जाता है तो आप नहीं कहेंगी की मेरी वजह से हुआ आप सिर्फ एक तरह हो कह रही है कि मेरी वजह से हुआ तब क्यो नहीं बोलेगी ?

 इसका तो सीधा सा मतलब होता है की मुझमें तो कुछ हुनर था ही नहीं सब कुछ आप के कहने पर हुआ मेरी जॉब तो बस आप के कहने पर लगी अगर ऐसा है, तो वहा जाकर मैं कुछ करता ही नहीं सिर्फ बैठा रहता तो मुझे वो जॉब पर रखते के मैं वहा काम कर पता?

 मैं वहा जॉब के लायक था तो उसने मुझे रखा आप बस एक ज़रिए थी मुझे उस जॉब पर लगाने एक मार्ग दर्शक थी। जिस तरह से एक मार्ग दर्शक रास्ते में लोगो को रास्ता दिखाता है और लोग उससे जाते है अगर मान लिया जाए की लोगों को जहा जाना था वो मार्ग दर्शक के द्वारा पहुंचे लेकिन अगर रास्ते में कोई ऐसा व्यक्ति हो जो मार्ग दर्शक के द्वारा जा रहा हो लेकिन वो रास्ता नहीं चल पा रहा हो या कोई संसाधन पर्याप्त ना हो इत्यादि। तो क्या हम ये कहा सकते है की मार्ग दर्शक के होते हुए भी वह व्यक्ति जहा जाना चाहता था वो वहा नही जा सका इसकी वजह वो खुद है या वो बीमार या इच्छा नहीं या कोई और मसला हो सकता है । इसी तरह अगर उन्होंने मुझे भेजा तो मैं इस लायक तो था की मैं वहा सरवाइव कर सकू। भेजने वाला तो बस एक साधन मात्र है।

 इसका मतलब साफ है कि आप में भी कुछ होना चाहिए जिससे आप को लोग जॉब पर रख सके, ये नही किसी के द्वारा आप गए आप को रिजेक्ट कर दिया गया। अब भेजने वाले तो ये नही कहेगा की मेरी वजह से आप की जॉब नही लगी जब आप की जॉब लग जाए गी तो वो ज़रूर कहेगा की मेरी वजह से आप की जॉब लग गई।

ये कहानी नही एक हकीकत की घटना है जो मेरे साथ बीती है । लोगो के इस रवैए पर मैं हैरान हूं क्यूकी मैं हेल्प का मतलब बस इतना सा जाना है की लोगो के किसी काम आ सकूं।

सच पूछो तो मूझे लोग की हेल्प कर के इतनी खुशी मिलती की मूझे लगता की मैं इस काबिल तो हूं की मैं किसी के काम आ सका। पैसे का तो कोई सवाल ही नहीं की मैं उनसे मांगू क्योकि मैंने ये अपनी इच्छा सन्तुति के लिए किया है। अगर आप पैसे हेल्प के नाम पर मांगते तो तो जान लो वो हेल्प नही बल्कि वो धंधा है पैसे कमाने का एक नाम है हेल्प कर रहा हूं कहा कर पैसा मांगना।

आप के इस घटना के बारे में क्या ख्याल है मुझे नीचे कमेंट करके बताए और कौन सा पक्ष आप के नजर में सही और गलत ये भी मुझसे आप अपनी राय साझा करें। 

ये हकीकी दासताना आप को कैसा लगा अपनी राय हमे जरूर साझा करे ताकि हम अपने अनुभव को और बेहतर ढंग से आप को पेश कर सके आप का बहुत-बहुत धन्यवाद जो आप ने इस कहनी को यहा अन्त तक पढ़ा और अगर आप ने अपनी राय हमेसे साझा कि तो आप का एक बार फिर से धन्यवाद |





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